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The Sad Story Of My Dominar 400 - Part 1 | मेरी Dominar 400 की दुःखभरी दास्ताँ - Part 1

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ये कहानी है मेरी बाइक Bajaj Dominar 400 ABS के बारे मे l बाइक, जिसने जहाँ एक ओर मुझे लगभग डेढ़ साल लगातार परेशान रखा वहीँ दूसरी ओर ये मुझे दुनिया की सबसे ऊँची सड़क खारदुन्गला पास पर भी ले कर गयी l

बात है 2016 की जब मैं अपने लिए एक अच्छी सी बाइक खरीदना चाह रहा था l इससे पहले भी मेरे पास एक बाइक हुआ करती  थी, TVS Fiero F2, जो की 150 CC की थी l मेरा Fiero F2  के साथ अनुभव बेहद अच्छा रहा था और मैंने इसे लगभग लगातार 11 साल और लगभग 75000 किलोमीटर चलाया l इन 11 सालों के दौरान इस बाइक मे कभी भी कोई बड़ी समस्या नहीं हुई थी l 2015 में मैंने मेरी TVS Fiero F2 बेच दी चूँकि मैं अब अपने लिए एक नयी बाइक लेना चाह रहा था l

मेरा नयी बाइक लेने का सबसे बड़ा कारण ये था कि मैं मेरे दो मित्रों विक्रांत और सत्या के साथ 2017 मे बाइक से लेह-लद्दाख़ की यात्रा पर जाने वाला था l इस बार मैं कोई शक्तिशाली और आधुनिक बाइक लेना चाह रहा था और मैंने सोचा की कम से कम 250-300 CC से ऊपर की बाइक ही लेनी चाहिए l इस लिहाज़ से बाज़ार मे ज्यादा विकल्प मौजूद नहीं थे l घूम फिर कर एक ही विकल्प बचता था और वो था रॉयल एनफ़ील्ड l रॉयल एनफ़ील्ड मे मेरे पास तीन विकल्प थे क्लासिक, थंडरबर्ड और हिमालयन l इन तीनों मे से मुझे सबसे अच्छी लगी हिमालयन पर ये मेरे बजट से थोड़ी बाहर थी l रिसर्च के दौरान मुझे पता लगा की बजाज जल्द ही एक नयी और शक्तिशाली बाइक ले कर आ रही है तो मैंने सोचा चलो कुछ दिन और इंतज़ार सही l

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दिसंबर 2016 मे बजाज ने अपनी नयी बाइक Dominar को अविश्वसनीय कीमत पर उतार बाज़ार मे उतार दिया l 375 CC से सुसज्जित ये बाइक काफी शानदार और आधुनिक लग रही थी l फ़रवरी माह मे मैंने इसकी टेस्ट ड्राइव ली और टेस्ट ड्राइव लेते ही ये मुझे बेहद पसंद आ गयी l 375 CC और 35 BHP होने के बावजूद चलाने मे ऐसा एहसास नहीं होता था की आप इतनी भारी बाइक चला रहे है l इसमे जबरदस्त पॉवर तो थी ही और साथ मे ये ABS के साथ भी मौजूद थी l जयपुर मे इसके ABS वर्शन की कीमत पड़ रही थी लगभग 1.75 लाख रूपये l ये लगती तो स्पोर्ट बाइक थी पर इसे डिजाइन ऐसा किया गया था कि ये हाईवे पर भी आरामदायक महसूस हो इसीलिए बजाज इसे क्रूजर स्पोर्ट नाम से प्रचारित कर रही थी l कीमत के लिहाज़ से भी वाकई ये अच्छी बाइक थी और मैंने सोचा की अगर अकसर बाइकिंग करनी है तो ये एक अच्छा विकल्प हो सकती है l

काफी सोच विचार, रिसर्च और अनुभवी लोगों के रिव्यु देखने के बाद मैंने आखिरकार पाँच हज़ार रूपये दे कर सफ़ेद रंग की बाइक बुक करवा ली l मुझे इस बात पर अफ़सोस भी था की कंपनी ने इस बाइक मे ब्लैक कलर नहीं निकाला पर मुझे जल्द ही बाइक लेनी थी जिससे मैं अपनी लेह यात्रा पर जाने से पहले इसका अभ्यस्त हो जाऊं l नयी बाइक के उत्साह मे एक-डेढ़ महिना निकल गया l 

आखिरकार वो दिन आया जब मुझे मेरी Dominar 400 ABS मिलने वाली थी l तारीख थी 19 अप्रैल 2017, उस दिन मैं पंडित जी से मुहूर्त निकलवा कर सुबह सुबह दस बजे बजाज के शोरूम पहुँचा, सारी खानापूर्ति की और दोपहर करीब एक-डेढ़ बजे तक मुझे मेरी बाइक मिल गयी l पहली बार नयी बाइक पर सवार हो कर जब मैं निकला तो जैसे पुरे बदन मे ख़ुशी का संचार हो गया था l मुझे लग रहा था की चलो अब बाइक तो आ गयी है और अब मैं अपना सारा ध्यान लेह यात्रा की दूसरी तैयारियों मे लगा पाउँगा पर मुझे क्या मालुम था की असली कहानी तो अब शुरू हुई है l

बाइक लेने के करीब पाँच-छ दिन बाद ही एक सुबह जब मैंने बाइक स्टार्ट की तो देखा की इंजन के पास से धुआँ उठ रहा है l मैंने अच्छी तरह से निरिक्षण किया तो मुझे तेल की कुछ बुँदे जमीन पर दिखाई दी l यह देख कर मुझे कुछ ज्यादा परेशानी नहीं हुई और मैंने सोचा की शायद कोई पेच इत्यादि ढीला रह गया होगा पर साथ ही मुझे ये आशंका भी हुई कि कहीं इंजन से तो ऑइल लीक नहीं हो रहा है l मैं बाइक को पी.एल मोटर्स के सर्विस सेंटर ले कर गया जहाँ उन्होंने और कंपनी के इंजिनियर ने बाइक का निरिक्षण किया l एकबारगी तो उन्हें विश्वाश नहीं हुआ की मेरी बाइक के इंजन से ऑइल लीक हो रहा है पर फिर उन्होंने दो-चार पेच कसे और मुझे बाइक थमा दी l उन्होंने मुझे बोला की अब आपको ये प्रॉब्लम नही आनी चाहिए और अगर दुबारा आयी तो इंजन केसिंग को बदलना पड़ेगा l ये सुन कर मैं बहुत तनाव मे आ गया और प्रार्थना करने लगा की भगवान् करें ये समस्या दुबारा नहीं आये लेकिन बदकिस्मती से एक-दो दिनों बाद ही मुझे फिर जमीन पर ऑइल मिला l इसे देख कर मुझे बहुत दुख हुआ पर क्या कर सकते थे l यक़ीनन ये एक Menufecturing Defect था l

आखिरकार मैंने बड़े भारी मन से मेरी नयी बाइक सर्विस सेंटर पर दे दी l मेरी नयी की नयी बाइक का पूरा इंजन उतारा गया, खोला गया और फिर नयी इंजन केसिंग बदली गयी l पूरे जयपुर मे या शायद पूरे राजस्थान मे या फिर शायद पूरे भारत मे मेरी Dominar पहली रही होगी जिसका इंजन बाइक खरीदने के दस दिनों मे ही खुल गया हो l मुझे ज्यादा तनाव इस बात का था की सर्विस सेंटर ने इससे पहले किसी भी Dominar का इंजन नहीं खोला था और मुझे यक़ीनन उनकी तकनीकी क्षमताओं पर संदेह था l पूरे सर्विस सेंटर पर केवल दो आदमियों को Dominar के लिए ट्रेनिंग दी गयी थी, जिसमे से एक वरिष्ट मैकेनिक था l अगर बिलकुल नए प्रोडक्ट पर कोई काम पहली बार होता है तो उसे अच्छी तरह से करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है l खैर, दो दिनों के पश्चात इंजन केसिंग बदल कर मुझे मेरी बाइक दे दी गयी l अब बारी थी बाइक को टेस्ट करने की, सो मैं अपनी बाइक को दो सौ किलोमीटर की राइड पर ले गया l चार-पाँच दिनों तक निरिक्षण और परिक्षण करने के बाद मुझे लगा की अब बाइक पूरी तरह से सही हो गयी है l मुझे इसकी बहुत ख़ुशी हुई क्योंकि सितम्बर मे हमारी लेह यात्रा चालु होने वाली थी l

मैने ये महसूस किया की जब से मेरी बाइक सर्विस सेंटर से आयी है, कई बार एक बार मे स्टार्ट नहीं होती है l सर्विस सेंटर पर जाने से पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ था l इसे मैंने ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया पर ये शायद मेरी गलती थी l एक सुबह जब मैं अपने ऑफिस जा रहा था तब एक रेड लाइट पर मैंने मेरी बाइक ऑफ कर दी पर जब मैंने उसे दुबारा स्टार्ट करना चाहा, बाइक स्टार्ट ही नहीं हुई l मैंने रुक रुक कर चार-पाँच बार सेल्फ लिया पर बाइक स्टार्ट नहीं हुई l मेरे पीछे खड़े लोग हॉर्न बजाते हुए और मुझे गालियाँ देते हुए निकले l पुलिस वाले ने भी लगे हाथ मुझे दो-चार बातें सुना दी l मैं किसी तरह से मेरी को बाइक साइड मे लेकर गया और फिर लगभग दस मिनट तक स्टार्ट करने का प्रयास करता रहा पर बाइक स्टार्ट नहीं हुई l बाइक मे किक तो थी ही नहीं सो अब एक ही रास्ता दिख रहा था कि मैं धक्का दे कर इसे स्टार्ट करूँ l मैंने कोशिश की, उस दिन मुझे महसूस हुआ की वाकई मे ये बाइक बहुत भारी है l दो-तीन बार कोशिश की पर बाइक के कुछ भी फर्क नहीं पड़ा l अचानक मुझे एक मकान के बाहर बना हुआ अच्छा ख़ासा स्लोप दिखाई दिया तो मैंने सोचा इस पर से भी कोशश करके देखते है l दो भले व्यक्तियों से मदद ले कर बाइक को कैसे तैसे स्लोप पर ले कर गया और फिर दुबारा कोशिश की, बाइक अब की बार भी स्टार्ट नहीं हुई l आखिरकार मैं हिम्मत हार गया पर मेरी किस्मत अच्छी थी की यहाँ से मेरा ऑफिस पास ही था सो पैदल पैदल ही बाइक लेकर ऑफिस पहुँचा और सर्विस सेंटर फ़ोन किया l  

एक घंटे बाद दो मैकनिक आये, बाइक का निरिक्षण किया, करंट चेक किया, मेरे कहने से फ्यूज भी चैक किये पर उन्हें कुछ भी समझ नहीं आया l आखिरकार वो मेरी बाइक को सर्विस सेंटर ले गए l इस घटना से मैं बहुत विचलित हो गया l मुझे लगा ऐसे कैसे मैं मेरी लेह यात्रा पर जा पाऊंगा l मान लो, पहाड़ों मे किसी सुनसान जगह पर बाइक स्टार्ट नहीं हुई तो क्या होगा ? मुझे मेरे लेह यात्रा पर जाने पर संदेह होने लगा l मेरे मित्र विक्रांत और सत्या को भी अब पूरा विश्वास नहीं हो पा रहा था की मैं उनके साथ इस यात्रा पर जा पाऊंगा या नहीं l दोपहर मे, मैं भी सर्विस सेंटर पहुँचा l यहाँ पता लगा की क्रैंकशाफ़्ट के पास एक बहुत छोटा सा पार्ट होता है जिसे key बोलते है, वो सही नहीं था जिसकी वज़ह से बाइक स्टार्ट नहीं हो पा रही थी l अब मैं समझ गया था की जब मेरी बाइक की इंजन केसिंग बदली गयी थी तब इसे सही तरह से फिट नहीं किया गया होगा और इसीलिए बाइक स्टार्ट नहीं हो रही है l अब दुबारा से बाइक मे सब कुछ खोल कर key बदली गयी और मुझे बाइक दे दी गयी l

मैं दुबारा अपनी बाइक का उपयोग करने लग गया और मन ही मन प्रार्थना करने लगा की भगवान् अब सब सही हो गया हो तो मैं लेह यात्रा पर जा पाऊं पर पता नहीं भगवान् के मन मे क्या था? अब बाइक मे नयी समस्या आने लग गयी l जब भी मैं पेट्रोल भरवाने के लिए टैंक खोलता तो कई बार दबाव के कारण ये खुल नहीं पाता था और लगता था जैसे की पेट्रोल टैंक मे कुछ निर्वात सा बन गया हो l कारण था टैंक मे एयर लॉक होना और इस कारण बाइक मे मिसिंग की समस्या भी हो गयी थी l
आगे की कहानी (Part 2) के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें -

To be continued (Part 2) ...........

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